मैं पूछ्यो - ' यार सगा ....तैं तो माड़ी करी !!

मैं पूछ्यो - ' यार सगा ....तैं तो माड़ी करी !!

 म्हे तो तेरी सांकळ खा खा गे भोड फोड़ लियो , और तुं एन टेम पर खूंटो तुड़ागे भाजग्यो ? '


जणा सगोजी बोल्या -

' के बताऊं सगा !!! 

पचास किलो गा बुंदिया बणवाया ...पांच आदमी ही कोनी धाप्या !!
बेटा बुंदिया खागे बाहर जावै और उल्टी करगे पाछा आ ज्यावै !! '


हिसे सगेगी सांकळ तो के सिरों भी नही खाणो ।



आगू चैतो राख्या

सगा ऐ बुंदिया लोगा ने खुवाई अठ बे बाट कौनी ह
 थे  भँवरलाल का गुर्गा मत समझो । आपकी राजनीति घटिया थी ।
 अब दुबारा प्रयास मत करया ।

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