मैं चुनाव चुनाव घरे चूल्हो कोनी जगाऊं
मैं चुनाव चुनाव घरे चूल्हो कोनी जगाऊं !!
अपशगुन हुवै ....लोकतंत्र कमजोर हु ज्यावै !!
तो मैं कामरेड गै कार्यालय में गयो ....बठै सौ डेढ़ सौ मोट्यार बैठ्या हा ,
कोई बुंदिया खावै हो ....कोई बीड़ी पीवै हो ....तो कई भाई छोटी छोटी काच गी बोतल लिए बैठ्या ....बेमार लाग्या बेचारा !!
मैं जियां ही पूग्यो और लोगां नै पतों चाल्यो कै - फेसबुक हाळो फाईव स्टार सरपंच आयो है ,
कोइ लट्ठ लेगे भाज्यो ...तो कोई जूती उठा ली , दो च्यार माई गा लाल तो मांचा लेगे भी मन्नै मारण पड़या !
मैं बोल्यो - ' अरै यारो ....मैं के थारी भैंस खोल ली ? मन्नै क्यों मारो ? '
जणा एक मोट्यार बोल्यो - ' तुं पारीकजी नै तो कांकड़ में दाबगे आग्यो ...अबै म्हारै कामरेड गी बारी है गे ?
दस बारा दिन म्हे होठ मीठा कंठ खारा करां तो तेरै के बळत है ? '
मैं तो हाथ जोड़गे पाछो आग्यो !!
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